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Showing posts from 2018

दास्ताँ ए चाय

गाँव में अब भी नहीं स्वास्थ्य सुविधाएं

शौचालय नहीं तो दुल्हन नहीं : थोडा फ़िल्मी थोडा सच

अकेला सूरज...बेचारा

यादें

यारियां

फोबिया

किसकी पुकार

बोल चिरईया

ये इश्क़ है

एक थी तुम एक थी मैं

नदी की भाषा

भ्रम

पेंशन

जिंदगी और कुहासा