जाड़े की धूप
















(चंद पंक्तिया ) 

कुनमुनाई
अलस सुबह की
ठिठुरी धूप
*****
कुहरा घना
स्तब्ध पवन
सिकुड़ी धूप
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सूरज हंसा
अंगडाई लेकर
निखरी धूप
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अनमनी सी
खड़ी क्षितिज पर
विरही धूप
............स्वयंबरा 

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