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Showing posts from 2012

बच्चे नहीं जानते....

एक उपेक्षित धरोहर !

रंगकर्म : मेरा प्रथम प्रेम

पछताते रह जायेंगे !

खुश रहो न !

'डायन' : एक स्त्री की चीख !

इस शहर में हर शख्स परेशां सा क्यूँ है

बन्दर मामा,मम्मी आ गयी है!!अब डराकर दिखाओ!

मैंने नेत्रदान किया है..और आपने ?

पिता का होना कितना बड़ा संबल है

ज्ञान्ति : जिन्दगी अब भी 'खूबसूरत' है

अवसान

सोन चिरैया

कहा गए ये बहुरूपिये ??