यारियां

रिंकू नाम था ....नवगछिया, बिहार की रहनेवाली...परिवार विशेष तौर पर अपने भईया पर जान छिड़कनेवाली...

ऍफ़ बी पर आने के बाद दो दोस्तों को बहुत ढूंढा...रिंकू और रश्मि(सिंधु) को...दोनों ही मेरे दिल के बेहद करीब..आज के शब्द में कहें तो मेरी बेस्टिज थीं..इनके साथ की यादों में शैतानियाँ, गप्प, ठहाके तो हैं ही, सुख दुःख  क़ी साझेदारी भी है.....

रिंकू से दोस्ती इंटर के बाद हुई...
तब मेरी और रिंकू की उम्र 16-17 की थी...एक तो टीन एज, दूजा एक सी चॉइस...खूब छनती हममे...दोनों को चाँद देखना पसंद...दोनों को गीतों से लगाव...दोनों ही किताबों के शौक़ीन...दोनों ही शिवानी (कथाकार, उपन्यासकार) के दीवाने...

पढ़ाई से फुरसत मिलती तो हम होस्टल की बालकनी में पहुँच जाते...खूब बातें होती...फिर गानों का दौर शुरू होता...

एक दिन यही सब दोहराया जा रहा था...रिंकू ने कहा सोनी(पुकार नाम), चलो एक गाना गाते हैं...वो सिर्फ हमारा गाना होगा...हमारी दोस्ती का गीत..जब भी हम मिलेंगे इसे गाएंगे....गीत था-
"जब कोई बात बिगड़ जाए जब कोई मुश्किल पड़ जाए तुम देना साथ मेरा ओ हमनवां.."

दिन बीते हम अपने-अपने घर आ गए..शुरू में संपर्क में रहे..फिर परिस्थितियों ने कुछ ऐसा किया कि दोस्ती बस याद बनकर रह गयी और यह गीत भूली-बिसरी बात...एक दिन अपने कमरे में पढ़ रही थी कि यह गीत सुनाई दिया...दौड़ कर दूसरे कमरे में गयी तो टी वी पर यह गाना आ रहा था..पहली बार समझ आया कि यह गीत एक मूवी का है और इसका कैसेट लिया जा सकता है....मतलब इसे बार-बार सुना जा सकता है....

फिर तो पूरा गाना मेरी डायरी में नोट हुआ...याद करने की कोशिशें भी हुई..पर जब भी इस गीत को गाती, मुझे सिर्फ रिंकू की याद आती ...बस गाना बंद कर देती..इस चक्कर में एक पारा ही याद हो पाया...😃

खैर.....
तो कई बार ढूंढा यहाँ ऍफ़ बी पर...नहीं मिली..सुना था कि आरा में उसकी रिश्तेदारी है तो अपने एक भाई से वहाँ भी पुछवाया... पता नहीं चला....

पर अब कभी यह सोचती हूँ रिंकू मिल भी जाए तो क्या वह पहचान लेगी? पहचान भी ले तो क्या अब भी हमारी दोस्ती में पहले सी जान होगी? क्या हमारे बीच उतनी आत्मीयता बची होगी?क्या उसे इस गीत की कहानी याद होगी?....पता नहीं ...

वैसे आज भी यह गीत मेरी उस प्यारी सी दोस्त के लिए ही, जिसने मेरा परिचय इस खूबसूरत गाने से कराया था....मेरे सुख ही नहीं मेरी परेशानियां, दुःख को भी अपनाया था...
जब कोई बात बिगड़ जाए,
जब कोई मुुश्किल पड़ जाए,
तुम देना साथ मेरा ओ हमनवां।
----स्वयंबरा

Comments

बात दिल से दिल तक पहुंचे तो खुदबखुद रिक्वेस्ट आ जाये :)
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बहुत अच्छी रचना