गाँव में अब भी नहीं स्वास्थ्य सुविधाएं

आज बच्चों से स्वास्थ्य सुविधाओं पर बाते हो  रही थी ...बड़हरा ब्लॉक (जहाँ स्कूल है)के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर बात चली तो बच्चों ने कहा कि यहाँ जाने पर कहा जाता है आरा जाओ..आरा जाने पर अस्पताल कहता है पटना जाओ..पटना में दिल्ली जाने को बोल दिया जाता है...दूसरी तरफ प्राइवेट वाले हैं जो सिर्फ पैसा- पैसा करते है...(सोचिये ये 7th के बच्चे हैं जिन्हें इतना अहसास है)

विडम्बना यह कि दुनिया के सर्वाधिक डॉक्टर भारत में बनते हैं ...पर उनमें अधिकाँश शहर में ही रहना चाहते हैं....गाँव तो अब भी उपेक्षित...

दुनिया की तुलना में भारत में  टी बी, मलेरिया जैसे रोगों से सबसे अधिक मौत होती है....(बच्चों से बात करने पर पता चला कि उनके अगल-बगल या परिजनों में कुछ लोगों की मौत टी बी से हुई है...)

21 प्रतिशत बीमारियां स्वच्छ पेयजल के अभाव में होती हैं...

अधिकाँश बच्चे कुपोषण के शिकार हैं...

लेकिन हमें हिन्दू -मुस्लिम विवाद को बढ़ाने, हर बात को धर्म, विचारधारा से जोड़ने,  बहस में अपशब्दों का इस्तेमाल करने में ज्यादा रूचि है...

रेप जैसे विषय भी हमें तभी विरोध लायक लगते है जब उसमे धर्म का एंगल हो...

खैर 15 अगस्त बीत गया ..
तिरंगा शान से फहराया होगा...
पर सच्ची देशभक्ति भी जगा लीजिए...सच्ची देशभक्ति...जिससे देश की समस्याओं के समाधान में अपने योगदान की भावना जगे..
जय हिन्द

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